Sunday 6 May 2018

यूरिक एसिड का उपचार

खून में यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ना जोड़ों व किडनी पर भारी पड़ता है। अच्छी बात यह है कि शुरुआती स्तर पर खान-पान और जीवनशैली में सुधार करके ही इसे ठीक किया जा सकता है।

यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक रसायन है, जो पाचन प्रक्रिया के दौरान प्रोटीन के टूटने से बनता है। अधिकतर यूरिक एसिड खून में घुलकर किडनी तक पहुंचता है और वहां से सफाई होने के बाद पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। पर कई बार शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है या फिर पूरी तरह फिल्टर नहीं होता। शरीर में यूरिक एसिड के अधिक जमा हो जाने पर गाउट (एक प्रकार का गठिया) की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इसकी अधिकता किडनी में पथरी की आशंका को बढ़ाती है।

क्यों बढ़ता है यूरिक एसिड
आनुवंशिक कारण, शारीरिक असक्रियता और अधिक मात्रा में नॉनवेज खाना आदि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की आशंका बनाते हैं। ऐसे में शुरुआती स्तर पर ही इसकी पहचान हो जाना इसे तेजी से बढ़ने से रोक सकता है और इससे होने वाले नुकसान से भी बचाता है।

कैसे होती है जांच
खून के सामान्य टेस्ट से इसे जांचा जा सकता है। ऐसे लोग, जिन्हें जोड़ों में दर्द रहता है या बार-बार पथरी बनती है, उन्हें खून में यूरिक एसिड के स्तर की जांच कराते रहना चाहिए।

क्यों इसे कम रखना है जरूरी
'शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना मोटापे व उच्च रक्तचाप को बढ़ाने के साथ शुगर और हृदय रोगों की आशंका को भी बढ़ाता है। शोध कहते हैं कि सामान्य लोगों की तुलना में जिन लोगों में यूरिक एसिड अधिक होता है, उनमें टाइप टू डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। गाउट गठिया होने पर जोड़ों के हिस्से में सूजन आ जाती है, खासतौर पर टखने में सूजन व दर्द के कारण चलना मुश्किल हो जाता है। होता यह है कि जोड़ों पर यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है, जिसके कारण एक या दो से अधिक जोड़ों में लाली, सूजन, गर्माहट व दर्द रहने लगता है। त्वचा पर भी काले धब्बे पड़ने लगते हैं। युवा लोगों में इसका मुख्य कारण अधिक मात्रा में नॉनवेज खाने के कारण शरीर में प्रोटीन की मात्रा का बढ़ना और अधिक एल्कोहल लेना होता है।

'यूरिक एसिड बहुत अधिक बढ़ने से सबसे बुरा असर किडनी पर पड़ता है। कई बार इस नुकसान की भरपाई करना भी मुश्किल हो जाता है।

'यूरिक एसिड हाइपरटेंशन को काबू में रखने वाले महत्वपूर्ण घटक एंडोथिलायल नाइट्रिक ऑक्साइड को कम कर देता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण हृदय रोगों की आशंका भी बढ़ जाती है।

क्या खाएं, क्या नहीं
'सबसे जरूरी है वजन को नियंत्रित रखना। मोटापे की स्थिति में वसा ऊतक शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण बढ़ा देते हैं।
'रेडमीट, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स और मछली का सेवन सीमित करें।
'शाकाहारी प्रोटीन के स्रोत जैसे डेयरी प्रोडक्ट ले सकते हैं, लो फैट दूध लेना ज्यादा बेहतर होगा।
'मशरूम, पालक व हर तरह की दाल का सेवन कम करें।
'एल्कोहल न लें या कम ही मात्रा में लें। बहुत अधिक बीयर या एल्कोहल लेना शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकालने में बाधा उत्पन्न करता है। इसकी जगह ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं।
'अधिक फाइबर वाली चीजें खाएं। फाइबर रक्त में मौजूद यूरिक एसिड को अवशोषित कर लेता है और इसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसबगोल, ओट्स, ब्रोकली, आदि खाएं। 
'विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट्स बढ़ी हुई यूरिक एसिड की मात्रा को कम कर देते हैं। यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते निकलने में मदद मिलती है।
'वनस्पति घी के बजाय खाना पकाने में जैतून के तेल का सेवन करें। जैतून का तेल शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने में मदद करता है।
'एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल व सब्जियां खाएं। लाल शिमला मिर्च, टमाटर, ब्रोकली व अंगूर में