Wednesday 6 June 2018

एक्यूप्रेशर बेसिक्स -1 सुजोक कॉरेस्पोंडेंस

एक्यूप्रेशर बेसिक्स -1
सुजोक कॉरेस्पोंडेंस

हमारे सरीर का हर अंग हमारे हथेली और पैर के तलवे में उपस्थित है। अगर हमारे सरीर पर कोई समस्या आती है तो उसका उपचार हम सभी केवल हथेली और पैर के तलवे में कर सकते हैं। यही सुजोक कहलाता हैं।

इस चिकित्सा विद्या में सरीर के किसी अंग का उपचार जब हथेली पर करते है तो दर्द वाले बिंदु की पहचान करते हैं।
जैसे अगर  नाक में दर्द है तो अंगूठे के नाक वाले बिंदु पर ट्रीटमेंट करेंगे । नाक पर दर्द होगा तो अंगूठे के इस हिस्से पर भी दर्द होगा। ये दर्द वाले पॉइंट को दबाकर खोजते है और प्रेस या मसाज करते हैं।

तो सबसे पहले जिस अंग में उपचार करना है उसका चुनाव करते है और  उसके बाद उस अंग को हथेली पर खोजते हैं । अब उस  हिस्से पर सबसे दर्द वाले हिस्से को खोजते हैं । ये बिंदु पर उपचार करना हैं ।  यहाँ
उपचार के रूप में सुजोक थैरेपिस्ट प्रेशर, कलर, बीज, मैगनेट इत्यादि इस्तेमाल कर सकते हैं ।  इसमे उनको जो उचित लगे वो उसे करने में स्वतंत्र हैं।

जो सबसे सामान्य उपचार है वो है  दबाव या मसाज करके मेथी के बीजों को चिपका देना। इसको चिपकाने  के लिए आपको पेपर टेप की जरूरत होगी जो किसी भी मेडिकल की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। 

एक उदाहरण द्वारा इसे आसानी से समझते हैं।
आपके लेफ्ट हैंड की कलाई में चोट लगी है और दर्द हो रहा है। आपको इस दर्द को कम करना है। आप ट्रीटमेंट के लिए राइट  हैंड भी चुन सकते है लेफ्ट हैंड भी चुन सकते है,राइट फुट भी ले सकते है और लेफ्ट फुट भी ले सकते हैं । सबसे उचित क्या है उसको समझना होगा। अगर आपके  पेट के डायफ्राम के ऊपर के हिस्से में दर्द है तो हांथो पर उपचार ज्यादा अच्छा है और ज्यादा जल्दी रिजल्ट देगा। अगर अंग डायफ्राम के नीचे का अंग होता तो फुट पर उपचार ज्यादा अच्छा होता है । हालांकि सुविधा की दृष्टि से अधिकतर हीलर हांथो पर ही उपचार अच्छा समझते हैं । तो यहां दर्द लेफ्ट हैंड की कलाई में है तो हैंड को ही चुनते हैं।
अब लेफ्ट या राइट हैंड चुने ये समझना है । दर्द  लेफ्ट हैंड में है तो इलाज लेफ्ट हैंड में करेंगे तो ज्यादा प्रभावी होगा। लेफ्ट हैंड को प्राइमरी कॉरेस्पोंडेंस कहेंगे और जब इसी का इलाज राइट हैंड में करेंगे तो इसे सेकेंडरी कॉरेस्पोंडेंस कहेंगे । 
अब लेफ्ट हैंड के कलाई का इलाज लेफ्ट हैंड में ही करना है। आप हथेली पर चित्र में देख सकते हैं कि लेफ्ट हैंड की इंडेक्स फिंगर ही लेफ्ट हैंड का करापोंडेंस है । लेफ्ट हैंड के कंधे का इलाज इंडेक्स फिंगर (तर्जनी अंगुली) के हथेली से जुड़े जॉइंट पर करना है । कोहनी का इलाज अंगुली के बीच के जॉइंट पर पर होगा। कलाई का इलाज नाखून के पास वाले जॉइंट पर होगा । आपको इसी जॉइंट पर ट्रीटमेंट करना है । एक पेंसिल या पेन से आपको इस जॉइंट के चारो ओर से मसाज करने है है और फिर एक मेथी से भरी टेप को इससे चिपका देना है  जो इसको सभी ओर से दबाये रखे ।

तो इस तरह दो मिनेट के ट्रीटमेंट से आपके कलाई का दर्द खत्म हो जाएगा । पट्टी को दो से 3 घंटे रखा जा सकता है। मेथी के दाने में जैविक ऊर्जा है जो उस बिंदु के अंदर आये असंतुलन को खत्म कर देता है। एक्यूप्रेसर में माना जाता है कि किसी भी सरीर के हिस्से में जैविक ऊर्जा या प्राण शक्ति जिसे qi कहा जाता है का बैलेंस बिगड़ने से बीमारी उत्पन्न होती है । जो मेथी के दाने चिपकाए गए है वो हर ऊर्जा के इस बैलेंस को  फिर से ठीक (restore) कर देते हैं।  अगर कलाई में खुजली हो तो भी इसी तरह ट्रीटमेंट करना है ।  तो अंगों में कोई भी दिक्कत हो इस तरह से ट्रीटमेंट कर सकते है । कभी ऊर्जा बढ़ने से दिक्कत आती है और कभी ऊर्जा घटने से दिक्कत आती है । ऊर्जा भी 6 प्रकार की होती है जिसे six qi कहते है  । इसमे कोई भी दिक्कत हो इस  उपचार से आपको राहत मिल जाएगी । तो इस तरह से सबसे पहले आप सरीर के जॉइंट्स का उपचार करिये।

क्रमशः

Hr. deepak raj mirdha 
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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