Sunday 1 April 2018

लिवर के अचूक उपचार

लिवर / जिगर / यकृत के अचूक उपचार / उपाय

 
वर्तमान समय में जिगर / यकृत / लिवर की समस्या बहुत ही विकराल होती जा रही है । मानव शरीर के पाचन तंत्र में लीवर का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। लिवर हमारे बहुत से अंगों के कार्यों जिसमें भोजन चयापचय, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, ऊर्जा का भंडारण, प्रतिरक्षा प्रणाली , और रसायनों का उत्‍पादन आदि में प्रमुख भूमिका निभाता हैं। लेकिन कई बार किसी वायरस, एंटीबायटिक दवाओं , आनुवांशिक रोग, पुराना मलेरिया, ज्वर, अधिक मधपान, अधिक मीठे , अधिक तले भुने पदार्थो का सेवन, दूषित / बासी खान पान, कब्ज आदि से लिवर के ख़राब हो जाता है । कई बार बुखार ठीक होने के बाद भी लिवर ख़राब रहता है या कठोर और पहले से बड़ा हो जाता हैं। इस रोग के घातक रूप ले लेने से लिवर सिरोसिस हो सकता है। लिवर के ख़राब होने में आँखों व चेहरा पीला पड़ने लगता है, जबान सफ़ेद होने लगती है , कमजोरी बनी रहती है, शरीर की नीली नसे दिखाई पड़ती है, मुँह का स्वाद बिगड़ जाता है, कब्ज और गैस की शिकायत रहती है दाहिने कंधे के पीछे दर्द होता है, शौच में आंव / कीचड़ जैसा आने लगता है । 

लिवर के ख़राब होने के लक्षण

* यदि किसी व्यक्ति के मुंह से गंदी बदबू आनी शुरू हो गयी है तो इसका अर्थ है कि उसका लीवर ठीक से कार्य नही कर रहा है । क्योंकि लिवर ख़राब होने से मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है। 

* यदि किसी व्यक्ति की त्वचा क्षतिग्रस्‍त होने लगे, रूखी बेजान होने लगे , उस पर थकान हावी हो रही है, आँखों के नीचे सूजन अथवा काले धब्बे ज्यादा समय तक नज़र आये तो समझ जाइये कि उसके लिवर में कुछ खराबी हो गयी है । 

* यदि किसी को पानी भी हजम होना मुश्किल हो रहा हो तो इसका अर्थ है कि उसका लीवर बढ़ गया है या उस पर वसा की मात्रा ज्यादा हो गयी है । 

* यदि किसी की त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ रहे हो या उसकी त्‍वचा का रंग उड गया है, जबान सफ़ेद होने लगे, शरीर की नीली नसे दिखाई पड़े, दाहिने कंधे के पीछे दर्द होता हो तो उसे अवश्य ही कुशल चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए क्योंकि अधिक सम्भावना है कि उसका लिवर ख़राब हो गया है । 

* यदि किसी व्यक्ति को लगातार कब्ज और गैस की शिकायत बनी रहती है तो उसे सचेत हो जाना चाहिए कि कहीं उसका लिवर ख़राब तो नहीं हो गया है । 

* यदि किसी व्यक्ति का पेशाब या मल हर रोज़ गहरे रंग का नज़र आये, शौच में आंव / कीचड़ जैसा नज़र आये तो उसका लिवर ख़राब हो सकता है । 

* यदि किसी व्यक्ति की आंखों का सफेद भाग पीला नजर आये , नाखून पीले रंग के दिखने लगे तो उसे पीलिया की शिकायत हो सकती है, उसका लीवर संक्रमित हो सकता है। 

* यदि किसी के मुंह में बार बार कड़ुआहट लगने लगे तो इसका मतलब है कि लिवर ख़राब हो रहा है । क्योंकि लीवर एक एंजाइम पैदा करता है जिसका नाम बाइल होता है जिसका स्वाद बहुत खराब होता है । लिवर में संक्रमण होने की वजह से बाइल मुँह में पहुँचने लगता है । 

* जब पेट अचानक निकलने लगे, पेट में सूजन आ जाये तो इसका मतलब है कि लिवर बड़ा हो गया है , इसे हम अक्‍सर मोटापा समझने लगते है । 

लिवर सिरोसिस, लिवर में सूजन का अचूक उपाय

एक अच्छे पके हुए कागजी नींबू को लेकर उसके दो टुकड़े कर ले। फिर उसमें से बीज निकालकर आधे नींबू के इस तरह से चार भाग करें कि टुकड़े अलग- अलग न हो। फिर एक हिस्से में काली मिर्च का चूर्ण, दूसरे हिस्से में काला अथवा सेंधा नमक, तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण को भर दे। इसको रात में किसी प्लेट में रखकर ढक दे। प्रात: खाली पेट इस नींबू को तवे पर गर्म करके चूस ले और एक घंटे तक कुछ भी ना खाएं । 

इस उपाय से मात्र एक माह में ही लीवर में बहुत ही आराम मिलेगा । इस उपाय को करने के समय पूरे माह चीनी अथवा किसी भी तरह के मीठे का इस्तमाल न करे। रोटी भी कम खाए इसकी जगह सब्जियों और फलो का अधिक से अधिक उपयोग करें । सब्जी में मिर्च मसाला न डालें। टमाटर, पालक, गाजर, बथुआ, करेला, लोकी, आदि शाक-सब्जियां और पपीता, आंवला, जामुन, सेब, आलूबुखारा, लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें। घी और तली भुनी वस्तुओं का प्रयोग भी कम ही करें। 

लिवर को सही करने के घरेलु उपचार

* लिवर के इलाज में हल्दी बहुत ही उपयोगी साबित होती है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और या एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। प्रात: अथवा रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से लिवर ठीक रहता है । 

* नित्य सेब के सिरके का सेवन करने से लिवर शीघ्र ठीक हो जाता है । सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। खाना खाने से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर  दिन में दो से तीन बार लें। 

* यकृत / जिगर / लिवर के संकोचन / लिवर सिरोसिस में नित्य दिन में दो बार 100 -100 ग्राम प्याज खाते रहने से लाभ होता है। 

* जिगर के रोगो में छाछ में हींग, जीरा, काली मिर्च और नमक का तड़का देकर दोपहर के भोजन के बाद सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है। 

* पानी के साथ सूखे आंवलों का चूर्ण अथवा आंवले का रस 25 ग्राम दिन में तीन बार सेवन करने से लगभग बीस दिन में ही जिगर / यकृत के सारे दोष दूर हो जाते है। 

* सौ ग्राम पानी में आधा निम्बू निचोड़कर उसमें सेंधा अथवा काला नमक डालकर इसे दिन में तीन बार पीने से जिगर की सभी खराबी ठीक होती हैं। 

* गर्मियों में 250 ग्राम प्रतिदिन खाली पेट बढ़िया और पके जामुन खाने से जिगर की खराबी दूर हो जाती है। 

* आंवला विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखता है। लीवर को सही रखने के लिए नित्य सुबह शाम आँवले का रस , उसका पाउडर अथवा कच्चे आंवले का सेवन करना चाहिए। * पपीता लीवर सिरोसिस में रामबाण का काम करता है । लिवर सिरोसिस में नित्य दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर कम से कम एक माह तक इसका दिन में 3 बार सेवन करें । 

* लीवर की बीमारियों में मुलेठी का इस्‍तेमाल बहुत ही लाभप्रद माना जाता है। मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें । फिर ठंड़ा होने पर छान कर इसे दिन में दो बार पिएं, शीघ्र ही आराम मिलेगा । 

* लिवर की परेशानियों में अलसी के बीज का सेवन करना चाहिए । अलसी के उपयोग से लीवर का संक्रमण उसका तनाव कम होता है। अलसी को दरदरा पीस कर सलाद में या आटे में मिलकर इस्तेमाल करें अथवा उसे ब्रैड पर लगाकर खयेन।अलसी से लिवर के समस्त रोग दूर होते है । 

* पालक और गाजर के रस को मिलकर प्रतिदिन सुबह शाम उसका सेवन करने से लीवर सिरोसिस में काफी लाभ मिलता है। पालक और गाजर का रस लिवर को प्राकृतिक तरीके से ठीक करता है ।

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