डाईट प्लान कैसा होना चाहिये किशोरावस्था में
किशोरावस्था शुरू होने के बाद तीस साल की उम्र तक पाचन शक्ति बहुत मजबूत रहती है । शरीर की चयापचय अर्थात मेटाबॉलिक क्रियाऐं तेज रहती हैं जिस कारण से भारी भोजन भी आसानी से पच जाता है इसलिये परांठे और पूरी आदि पकवान खाने से विशेष दिक्कत नही होती है । इसका मतलब यह नही है कि इनका रोज सेवन किया जाये हॉलाकि कभी कभी खाये जा सकते हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि देर से पचने वाला और भारी भोजन इस उम्र में खाने से कोई विशेष समस्या नही होती है बस इतना जरूर ध्यान रखना चाहिये कि खाना अनहैल्दी ना हो । किशोरावस्था में बच्चे अपने दोस्तों की देखा देखी बाहर का जंक फूड आदि खाना ज्यादा पसन्द करते हैं, इस अवस्था में पैरेन्ट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि बच्चों को घर पर बना पोषण युक्त हैल्दी फूड ही खिलवायें ।
डाईट प्लान कैसा होना चाहिये तीस के बाद :-
तीस की उम्र के बाद मेटाबॉलिज़्म थोड़ा धीमा होना शुरू हो जाता है और शरीर पर अपने आप मोटापा चढ़ने लगता है । इस दशा में जरूरी हो जाता है कि हम अपने डाईट प्लान में जरूरी बदलाव लाने के बारे में गम्भीरता से सोचें और उस पर अमल भी करें । बेहतर होगा कि आप जो भी खा रहे हो उसका पॉचवा भाग अर्थात बीस प्रतिशत हिस्सा ताजे फल और मौसमी सब्जियों का जरूर हो । महिलाओं को विशेषतौर पर कैल्शियमयुक्त आहार का जरूर सेवन जरूर करना चाहिये क्योंकि पैंतीस के बाद हड्डियॉ कमजोर होना शुरू हो जाती हैं और महिलायें इस समस्या सए ज्यादा परेशान होती हैं । इस उम्र में रात को सोते समय दूध जरूर पीकर सोना चाहिये । घर का बना ताजा खाना हर उम्र अवस्था में आपकी डाईट प्लान का जरूरी हिस्सा होना चहिये ।
डाईट प्लान कैसा होना चाहिये चालीस के बाद :-
चालीस साल की उम्र के बाद रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल बढ़ने की समस्या होने लगती है ऐसे में ध्यान रखें कि सैचुरेटड फैट की मात्रा का कम सेवन करना चाहिये जैसे कि डालडा घी और तले हुये समोसे भटूरे आदि । दूसरी मुख्य समस्या जो इस उम्र में आती है वो है नींद की कमी जिससे तनाव और थकान की समस्या होती है । इस समस्या से निबटने के लिये अपने डाईट प्लान में ओमेगा – 3, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में लेना जरूरी हो जाता है । इसके लिये आप हरी पत्तेदार सब्जियॉ, साबुत अनाज और अखरोट का सेवन कर सकते हैं । चने का सेवन भी एक अच्छा विकल्प है । चेहरे की झुर्रियॉ इस उम्र की सबसे बड़ी समस्या है इनसे बचने के लिये गहरे रंग की फल और सब्जियों का सेवन जरूर करें । इनसे आपको जरूरी एण्टीऑक्सीडैण्ट्स प्राप्त होते हैं । महिलाओं में यदि मेंओपॉज़ के लक्षण दिखने लगें तो उनको हरी सब्जियॉ जैसे पालक, सींगरे की फली का सेवन बढ़ाना चाहिये । इस दशा में सोयाबीन और मक्के का सेवन भी लाभकारी होता है ।
डाईट प्लान कैसा होना चाहिये पचास के बाद :-
हाई ब्लडप्रेशर पचास के बाद सबसे बड़ी समस्या होता है ऐसे में बेहतर होगा कि नमक का सेवन कम से कम करें । एक दिन में अधिकतम 5 ग्राम तक नमक का सेवन करना उचित रहता है और ध्यान रखें कि आटे में नमक तो कभी भी नही मिलायें । इसके अतिरिक्त सेंधा नमक का सेवन एक बहुत बेहतर विकल्प है । ध्यान रखें कि शरीर में फैट ज्यादा ना चढ़े खासतौर पर कमर और कूल्हो पर क्योकि इस उम्र में कमर और कूल्हों का फैट इंसुलिन की कार्मुकता को कम करता है जिस कारण से मधुमेह का रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है । दिन में तीन बार भोजन इस उम्र में ही सबसे ज्यादा जरूरी होता है अतः तीन बार और भूख से थोड़ा कम भोजन करें । चोकर वाला आटा और साबुत अनाज इस उम्र के लिये सबसे अच्छे माने जाते हैं । पुरुषों को इस उम्र में टमाटर, तरबूज और पपीते का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिये क्योंकि इनमें मौजूद लाइकोपिन से प्रोस्टेट के कैंसर से बचा जा सकता है ।
डाईट प्लान कैसा होना चाहिये साठ के बाद :-
साठ के बाद शरीर की पाचन शक्ति बहुत मंद पड़ने लगती है और शरीर विटामिन्स और मिनरल्स को भी कम पचा पाता है इस कारण से आपको माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वाली डाईट लेनी चाहिये । इस बारे में ज्यादा विस्तार से जानने के लिये अपने आस पास किसी डाइटिशियन से परामर्श कर सकते हैं । विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स के कैप्सूल अपने चिकित्सक के परामर्श के बाद सेवन करना शुरू करें । शरीर के रोग प्रतिरोधी तंत्र को सुचारू बनाये रखने के लिये अपने डाईट प्लान में विटामिन सी वाले फल शामिल करने चाहिये । पानी पीने पर जरूर ध्यान रखें कि इस उम्र में आपको नियमित 2-3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिये । ब्रेड, रेडीमेड फूड, तला भुना ना सेवन करें, इस उम्र में आँते इनको पचा नही पाती हैं ।
डाईट प्लान कैसा होना चाहिये सत्तर के बाद :-
इस उम्र में शरीर को ज्यादा एनर्जी और प्रोटीन वाली डाईट की जरूरत लगभग खत्म हो जाती है । जीभ पर स्वाद ग्रंथियॉ भी निष्क्रिय होने लगती हैं जिस कारण से ज्यादा खाने का मन भी नही होता है जिस कारण से शरीर का वजन भी कम होना शुरू हो सकता है । उबले आलू को मैश करके ओलिव ऑयल के साथ हल्का फ्राई करके खाना बहुत अच्छा रहता है । बिना क्रीम वाला दूध और उसके उत्पाद इस उम्र में लेनें चाहिये क्योंकि क्रीम और चिकनाई को शरीर स्वीकार नही करता इस उम्र में । इस उम्र में अपने डाईट प्लान में सलाद और सूप का विशेष स्थान रखें क्योंकि इनसे फाईबर और एंटीऑक्सीडेण्ट्स की प्राप्ति होती है जिससे कब्ज नही होता और शरीर का रोग प्रतिरोधी तंत्र कार्यशील रहता है ।
Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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