Tuesday 20 March 2018

फल से इलाज

1. सेव : खट्टी डकार आने पर सेव का सेवन लाभदायक होता है।

2. शरीफा : शरीफा पाचन प्रणाली को सुचारु करता है। इसके सेवन से खट्टी डकार आना व उल्टियां जैसी शिकायत नहीं होती।

3. इमली : पकी हुई इमली का गूदा पित्त की अधिकता से होनेवाली उल्टियों में सहायक होता है। इससे अम्लपित्त में तो काफी राहत मिलती ही है खट्टी डकारें आना भी बंद हो जाती हैं। उल्टियां होने की स्थिति में इमली को पानी में भिगोकर उसका रस छानकर पीने से लाभ होता है। इसमें स्वादानुसार काला नमक भी डाला जा सकता है।

4. नीबू : नीबू अम्लनाशक फल है। नीबू का रस गर्म पानी में डालकर सायंकाल पीने से अम्लपित्त समाप्त हो जाता है। एक कप गर्म पानी में एक नीबू का रस डालकर पीएं |

5. आंवला : दो चम्मच आवले के रस में इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर पीएं या बारीक सूखा व पिसा हुआ आंवला व मिश्री समान मात्रा में मिलाकर पानी से फंकी कर लें। इससे समस्त पाचन दोष दूर हो जाएंगे।

6. केला : दो केलों को मथ कर चीनी और इलायचीं मिलाकर खाने से एसीडिटी में काफी लाभ होता है। पके हुए केले पर घी डालकर खाने से भी पित्त की अधिकता खत्म हो जाती है।

7. गाजर : नित्य गाजर का रस पीने से खट्टी डकारें नहीं आती व एसीडिटी समाप्त हो जाती है।

8. नारंगी : उल्टियां होने पर नारंगी का सेवन करने से लाभ होता है।

9. तरबूज : प्रात : एक गिलास तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीएं। इससे उल्टियां होना बंद हो जाता है।

10. गन्ना : पित्त की उल्टी होने पर एक गिलास गन्ने के रस में दो-तीन चम्मच शहद मिलाकर पीएं। चमत्कारी असर होगा।

11. नारियल : खट्टी डकारें आने पर कच्चे नारियल की गिरी खाने से बहुत लाभ होता है।

12. ब्लैकबेरी : यात्रा के समय यदि उल्टियां होने लगें तो ब्लैकबेरी का सेवन लाभप्रद रहता है।

13. नाशपाती : नाशपाती के शरबत में बेर की मींगी डालकर पीने से रक्त वमन रुक जाता है।

No comments:

Post a Comment