Friday 2 March 2018

केवल देसी गाय का दूध ही क्यों?


केवल देसी गाय का दूध ही क्यों?

ब्राजील ने हमारी देसी गायों का आयात कर अब तक गायों की संख्या 65 लाख कर ली है,

और इससे भी दोगुनी उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है।

उन लोगों ने इन गौवंश (सांडो सहित ) की सेवा कर आज एक गाय से दिनभर में औसतन 40 लीटर दूध पाने की स्थिति बना ली है. 

ब्राजील इसी दूध से पाउडर बना कर आस्ट्रेलिया को निर्यात करता है. आस्ट्रेलिया इस पाउडर का प्रयोग स्वयं करता है और अपनी जर्सी-होलस्टीन युवान पशुओं ( जिन्हें हम। मुर्खतावश गाय समझते है. ) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है.

क्या आपको पता है कि इस पाउडर को ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा प्रतिबन्ध है.

क्योंकि....जर्सी पशु के (A1 milk) दूध में पाया जाने वाले "bcm-7" से डायबिटीज़, कैंसर सहित 5 भयंकर बिमारीयाँ फैलती है. ये सत्य वो जान चुके हैं. 

आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की विश्व राजधानी बनता जा रहा है. 

भारत की डेयरियों में दूध में से वसा ( क्रीम-मक्खन ) निकालकर उसमें इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन दूध पाउडर को मिलाकर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुँचाया जाता है. 

ये कैसा दुष्चक्र है...???

यहाँ की गाय ब्राजील, वहाँ से दूध पाउडर ऑस्ट्रेलिया..... और ऑस्ट्रेलिया का दूषित दूध पाउडर भारत में ???

और फिर होता है दवाइयों का आयात.. 

साथियों,
थैली के दूध का प्रयोग तुरन्त बन्द करो. देसी गाय के दूध को किसी भी कीमत पर प्राप्त कर स्वास्थ्य को बचाओ.

यदि देसी गाय का दूध नहीं मिले तो किसी ग्वाले को देसी गाय दान कर उसका दूध लेने की व्यवस्था करें.

ये न कर सके तो.. अच्छा है कि दूध ही बन्द कर दो.

ये भी न कर सके तो.. विवशता में भैंस का दूध ही पियो. ये भी भयंकर हानिकारक है, किन्तु जर्सी पशु, जो गाय जैसा दिखता है, के दूध से कुछ कम हानिकारक है.

अधिक जानकारी हेतु नेट पर "bcm-7" या "A1 milk vs. A2 milk" खोजें. या फिर "devil in the milk" पुस्तक पढ़े या नेट पर खोजें 


No comments:

Post a Comment