Wednesday, 7 February 2018

सफेद दाग को मिटाने के लिए अपनाये ये घरेलु नुस्खे...!!

शरीर में यदि सफ़ेद दाग हो तो उसे कभी भी हलके में नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर से उसका तुरंत इलाज करवा लेना चाहिए। इसके अलावा आप घरेलु चीजे भी ट्रॉय कर सकते है।यह घरेलु चीजे आपको फायदा अवश्य पहुचायेगी। तो आइये जानते है इन घरेलू उपायों के बारे में.....

# लहसुन के रस में हरड घिसकर लेप करें। इसके अलावा लहसुन का सेवन भी करते रहने से दाग मिट जाता है।

# अखरोट खाने से शरीर के विषैले तत्वों का नाश होता है। अखरोट का पेड़ अपने आसपास की जमीन को काली कर देती है ये तो त्वचा है।

# पत्ते, फल, निम्बोली, छाल किसी का भी रस लगायें व एक चम्मच पियें भी। जरूर फायदा होगा।

# रोज बथुआ की सब्जी खायें, बथुआ उबाल कर उसके पानी से सफेद दाग को धोयें कच्चे बथुआ का रस दो कप निकाल कर आधा कप तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें जब सिर्फ तेल रह जाये तब उतार कर शीशी में भर लें, इसे लगातार लगाते रहें।

# जड़ सहित एक हरा भरा तुलसी का पौधा लायें, धोकर कूटपीस लें रस निकाल लें। आधा लीटर पानी आधा किलो सरसों का तेल डाल कर हल्की आंच पर पकायें। सिर्फ तेल बच जाने पर छानकर शीशी में भर लें। इस तेल को सफेद दाग पर लगायें।

सफेद दाग को लोगों ने कुष्ट रोग का नाम दिया है, ऐसे नामों से प्रायः लोग घबरा जाते हैं मगर सफेद दाग छूत की बीमारी नहीं है। संक्रामक रोग नहीं है। केवल त्वचा का रंग बदल जाता है किसी कारण से। अगर सही समय पर इसका इलाज किया जायें, तो समय जरूर लगेगा परंतु यह ठीक हो सकता है। इसके इलाज के लिये धैर्य की जरूरत होती है। इलाज करते-करते इन दागों के बीच में काले काले धब्बे पड़ते है। इसके लिये घबराइये नहीं। काले निशान फैलते जानने का संकेत सफेद दाग के ठीक होने का है। धीरे-धीरे काले निशान फैलते जायेंगे और सफेदी खत्म होती जायेगी। त्वचा का रंग सामान्य होता जाएगा। सफेद दाग त्वचा पर क्यों होते हैं इसका कोई विशेष कारण साफ-साफ पता नहीं चला है। मगर फिर भी कुछ कारण ऐसे है जिनकी वजह से सफेद दाग होते हैं व तेजी से फैलते भी हैं 
1.विरोधी भोजन लेने से। दूध व मछली साथ-साथ न लें
2.शरीर का विषैला तत्व (Toxic) बाहर निकलने से न रोकें जैसे- मल, मूत्र, पसीने पर डीयो न लगायें
3.मिठाई, रबडी, दूध व दही का एक साथ सेवन न करें
4.गरिष्ठ भोजन न करें जैसे उडद की दाल, मांस व मछली
5.भोजन में खटाई, तेल मिर्च,गुड का सेवन नकरें
6.अधिक नमक का प्रयोग न करें
7. ये रोग कई बार वंशानुगत भी होता है

 *आयुर्वेदिक उपचार* :--

रस माणिक्य, मैनसिल,हरताल, बाकुची, रोगन बाकुची तेल,तुवरक तेल,मंजिस्ठ आदि चूर्ण, रोगी की आयु, रोग की प्रकृति,लिंग,आदि का विचार कर दवा दी जाती है।
 अखरोट खूब खायें। इसके खाने से शरीर के विषैले तत्वों का नाश होता है। अखरोट का पेड़ अपने आसपास की जमीन को काली कर देती है ये तो त्वचा है। अखरोट खाते रहिये लाभ होगा।

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