Wednesday, 7 February 2018

संस्कृत संभाषण


विभक्ति प्रकरण
  अभितः,परितः,समया,निकषा,हा,प्रति,अनु के साथ द्वितीया विभक्ति होती है।
  उदाहरण--्ग्रामम्‌ अभितः वनम्‌ अस्ति। यहां अभितः(दोनों ओर) शब्द के योग (सम्बन्ध) में ग्राम शब्द है अतः उसमें द्वितीया विभक्ति हुई।
  इसी प्रकार--२) नगरं परितः जलम्‌ अस्ति( नगर के-परित-योग में द्वितीया,चारों ओर-अव्यय,जल-कर्ता,है-क्रिया)
                 ३) गृहं समया आपणम्‌ अस्ति( घर के-समया-योग में द्वितीया,समीप-अव्यय,बाजार-कर्ता,है-क्रिया)
                 ४) द्वारं निकषा पादुका अस्ति( गेट के-निकषा-योग में द्वितीया,समीप-अव्यय,चप्पल-कर्ता,है-क्रिया)
                 ५) हा दुर्जनम्‌( खेद है-अव्यय,दुर्जन के लिए-हा-योग में द्वितीया)।
                 ६) अहं गृहं प्रति गच्छामि( मैं-कर्ता,घर की-प्रति-योग में द्वितीया,ओर-अव्यय,जाता हूं-क्रिया)।
                 ७) सीता रामम्‌ अनु गच्छति( सीता-कर्ता,राम के-अनु-योग में द्वितीया,पीछे-अव्यय,जाती है-क्रिया)
                  ८) विद्वान्‌ धर्मम्‌ अनु गच्छति( विद्वान्‌-कर्ता,धर्म के-अनु-योग में द्वितीया,पीछे-अव्यय,जाता है-क्रिया)।
                  ९) मां निकषा संगणकम्‌ अस्ति( मेरे-निकषा-योग में द्वितीया,समीप-अव्यय,कम्प्यूटर,-कर्ता,है-क्रिया)
                  १०) विद्यार्थी विद्यालयं प्रति गच्छति( विद्यार्थी-कर्ता,विद्यालय की-प्रति योग द्वितीया,ओर-अव्यय,जाता है-क्रिया)।

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