निकाला चोरी-छिपे जनसंख्या वृद्धि रोकने का अदभुत तरीका..!!!
सावधान आपके खाने और दवाइयों में साइनाइड नामक प्राणघातक जहर मिलाकर खिलाया जा रहा है.!
जानिए.. क्या है साइनाइड (Cyanide) नामक जहर..?
शायद आपने पहले कभी साइनाइड के भयंकर साइड इफेक्ट के बारे में ना सुना हो, लेकिन यह एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है जिसका शिकार लगभग 50% भारतीय है।
आप से निवेदन है कि इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें और समझें और जो नहीं समझना चाहता वह जहर खायें।
आपके अन्न और दवाओं में साइनाइड नामक प्राणघातक जहर मिलाया जा रहा है।
साइनाइड एक घातक जहर है।
चौंकिए मत, यह बिलकुल सत्य है।
आजकल आपने देखा होगा कि एक पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति कुछ काम करते करते अचानक मर जाता है और मृत्यु का कारण पता नहीं चलता, ऐसी घटनाएं आम हो रही है।
आइये देखते है ऐसे खाद्य पदार्थ और दवाएं जिसमे साइनाइड विष मिलाया जा रहा है और हम निर्दोष शिकार बन रहे हैं...
(1). नमक..
आपके नमक के पैकेट को ध्यान से देखिये यदि उस पर क्रिस्टल मोडिफायर (Crystal Modifier) या E-536 लिखा हुआ है तो इसका मतलब नमक में पोटेशियम फेरो साइनाइड मिला हुआ है जिसके एक केमिकल अणु में साइनाइड के 6 परमाणु है जिसका केमिकल फार्मूला (K4Fe(CN)6) है।
यद्यपि यह अल्प मात्रा में होता है जैसे ही यह हमारे पेट में पहुँचता है उदर में उपस्थित पाचक अम्ल (HCL) से रिएक्ट कर के पोटेशियम और फेरोसाईनाइड के पोसिटिव और नेगेटिव आयन बनाता है और फेरोसाइनाइड पेट में उत्पन्न HCl से रिएक्ट कर के फेरस क्लोराइड और हाइड्रोजन साइनाइड बनाता है जो अत्यंत जहरीला विष है इस विष को डीटाक्सीफाई या प्रभावहीन बनाने के लिए लिवर पर अत्यधिक दबाव पडता है।
प्रतिदिन इस धीमे जहर मिले हुए नमक खाने से कुछ महीनो या वर्षो में आप मृत्यु के निकट पहुँच सकते है।
(2). विटामिन-बी
सबसे ज्यादा खाया जाने वाला विटामिन है इस बी-काम्प्लेक्स विटामिन में एक जहरीला पदार्थ है साईनाकोबलामिन या B-12 (Cyanocobalamin) है जो आपके पेट या खून में पहुँच कर साइनाइड के अणु छोड़ता है।
सावधान
यदि आपके बी-काम्प्लेक्स कैप्सूल टैबलेट या इंजेक्शन में B-12 सैनकोबाल्मिन है तो मत लीजिये, चाहे डॉक्टर कितना भी आश्वाशन क्यूं न दे।
मार्किट में 99% बी-काम्प्लेक्स विटामिन में बी-12 (Cyanocobalamin) होता है केवल 1% दवा कम्पनियाँ ही Methylcobalamin B-12 बनाती है जो खाने में सेफ है सुरक्षित है, इसीलिए विटामिन-बी खरीदते समय केवल Methylcobalamin B-12 युक्त ही ख़रीदे।
(3). मार्च 2017 में सरकार ने नया फरमान जारी किया है अब गेहूँ के आटे जैसे आशीर्वाद, पिल्सबरी पतंजलि आदि में साइनाइड मिला हुआ B-12 Cyanocobalamin विटामिन डालना अनिवार्य कर दिया है। (फोर्टिफाइड आटा)
सरकार ने सुरक्षित B-12 Methylcobalamin को प्रस्तावित क्यों नहीं किया ?
क्या सरकार को नहीं मालूम कि तवे के ताप में गेहू की रोटियाँ सेकने पर गर्मी से विटामिन-बी पूरी तरह नष्ट हो जाता है और बचते है सिर्फ जहरीले साइनाइड के अणु जो गर्मी से नष्ट नहीं होते, तो आटे के फोर्टीफिकेशन का क्या फायदा और उपयोग है ?
या सरकार जानबूझ कर अन्न पदार्थो में जहर मिला रही है ?
चौकिये मत...
सरकार पर छुपी हुई अंतरराष्ट्रीय वैश्विक दानवी सरकार (Hidden World Government) का दबाव है कि भारत की जनसँख्या कम करने के लिए ये एक कोवर्ट डीपापुलेशन प्रोग्राम है जिसे विस्तार पूर्वक पढ़ कर होश उड़ जाएंगे।
आइये देखते है कुछ और डी-पापुलेशन केमिकल पदार्थ
आयोडीन नमक विश्व का सबसे बड़ा जंनसंख्याविहिनिकरण (डीपापुलेशन) षड्यंत्र
आज से लगभग 30-40 साल पहले जनता को आयोडीन नमक के बारे में बिलकुल पता नहीं था।
जनता में आयोडीन की कमी नहीं थी, यदि मानव इतिहास देखे तो जीसस क्राइस्ट काल या उससे भी पहले 5000 वर्ष पूर्व महाभारत या दस लाख वर्ष पूर्व रामायण पुराण आदि में एक भी उदहारण प्राप्त नहीं होता जहां आयोडीन के कमी के लक्षण दिखाई देवे।अचानक ही लगभग 30 साल पहले सरकार ने लाखों करोडो का टीवी और समाचार पत्र में विज्ञापन दे दे कर ब्रेनवाश शुरू किया कि भारत में आयोडीन की कमी है।
बच्चो के मानसिक विकास के लिए आयोडीन युक्त नमक ही खाये और भोली भारत की जनता ने इसे आदर्श मान लिया, तब भारत में बर्थ रेट 40 प्रति 1000 था।
यही प्रोपेगंडा पकिस्तान में भी किया गया लेकिन पाकिस्तानी जनता होशियार थी उसने सरकारी आयोडीन नमक को नही ख़रीदा और बाजार में खुला समुद्री नमक ही खरीदने लगी जिसमे आयोडीन जहर नहीं मिलाया गया था, नतीजा पाकिस्तान में सरकार द्वारा प्रायोजित आयोडीन नमक प्रोग्राम फैल हो गया।
आज तीस वर्ष बाद भारत में आयोडीन नमक के कारण बर्थ रेट लगभग 8 प्रति 1000 है।
ठीक है जनसँख्या कम होनी भी चाहिए लेकिन ये घटिया तरीका ??
भारत में आयोडीन की बिलकुल कमी नहीं है और इसकी पूर्ति दूध और हरी सब्जियों से पूरी हो जाती है।
आवश्यकता से अधिक आयोडीन खाने से कंठ (गले) में स्थित थाइरॉइड ग्रंथि अधिक हार्मोन बनाती है जिससे स्त्रियों में बाँझपन PCO अनियमित मासिक स्राव इत्यादि रोग होते है।
आज भारत में 70% स्त्रियों में बाँझपन और बच्चे नहीं होने का कारण आयोडीन नमक से उत्पन्न थाइरॉयड समस्या है।
वहीँ पुरुषों में भी आयोडीन नमक से हाइपर थायरोइडिसम (Hyperthyroidism) के कारण उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव, अनिद्रा, ह्रदय में तेज़ धड़कन, नपुंसकता आदि रोग होते है।
आज भारत की जनता को गिनी पिग बना कर आयोडीन नमक के एक्सपेरीमेन्ट के कारण कई परिवारों के अस्तित्व समाप्त हो गए है।
लेकिन जनता अब जागरूक हो रही है और धीरे धीरे सब पता चल रहा है इसीलिए अब सरकार सारा दोष टाटा कंपनी पर डाल रही है की टाटा कम्पनी ने सरकार पर दबाव बना कर टाटा नमक में आयोडीन जहर मिलाया।
वास्तव में इसे एक फाल्सफ्लैग आपरेशन कहते है जिससे जनता का गुस्सा सरकार से हट कर टाटा पर जाए और जनता टाटा को ही दोषी समझे।
लेकिन अब सत्य का पता चल गया है सरकार ने आयोडीन जहर के एक्सपेरीमेन्ट के लिए और अपनी कमाई के लिए टाटा को बलि का बकरा बनाया ।
यदि भारत में आयोडीन नमक (इसका विकल्प सादा खुला बिकने वाला समुद्री नमक और सेन्धा नमक है), रिफाइंड तेल (इसका विकल्प मूंगफली, सरसो, जैतून, तिल आदि खरीद कर तेल निकलवाए),
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट,
अंग्रेजी दर्द निवारक दवाएं जैसे ब्रूफिन डिक्लोफेनेक असेक्लोफेनेक,
आटे और ब्रेड में ब्रोमाइड,
पेप्सी कोला आदि कोल्ड ड्रिंक,
पानी में क्लोरीन ब्लीच (इसका विकल्प ओज़ोन है)और एंडोसल्फान जैसे कीटनाशक बन्द हो गए तो भारत में कैंसर, ह्रदय, थाइरॉइड और किडनी रोग ख़त्म और भारत के 80-90% अस्पताल बन्द हो जाएंगे।
(1) फ्लोराइड जो टूथपेस्ट में मिलाया जाता है वह जहर है आप केवल बिना फ्लोराइड के टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल कीजिये।
(2). ओरल पोलियो वेक्सीन जिसमे SV-40 नामक कैन्सर उत्पन्न करने वाले वाइरस को मिलाया गया है (गूगल सर्च कीजिये)
(3). टेटनस टैक्सओइड वेक्सीन (टीटी इंजेक्शन) में स्त्रियों को बाँझ बनाने की दवा की मिलावट.!
अपनी लाडली बेटियों को कभी भी टीटी का इंजेक्शन न दिलाये शायद वे जिंदगी में कभी माँ न बन पायेगी क्योकि उसमे Anti-HCG antibody की मिलावट की गयी है।
विश्वास नहीं हो रहा है Tetanus HCG Kenya लिख कर गूगल कीजिये अभी तो केन्या की रिपोर्ट आई है लेकिन भारत में बीस साल पहले यह प्रयोग हो चुका है अब भी जारी है।
हमारा फ़र्ज़ था बताना, अब फैसला आपका.!
आभार :- नरेंद्र चौधरी ।
Hr. deepak raj mirdha
yog teacher , Acupressure therapist and blogger
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